25th Kargil Vijay Diwas: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कारगिल युद्ध भारत पर थोपा गया था। पाकिस्तान ने छद्म रूप से कश्मीर में घुसपैठ करके भारत पर युद्ध थोपने का कार्य किया था, लेकिन हमारे बहादुर जवानों ने इस युद्ध का परिणाम अपने शौर्य और साहस से निर्धारित किया। कारगिल युद्ध के समय भारतीय सेना के वीर जवानों के सामने विपरीत परिस्थितियां थीं, लेकिन उनके अदम्य साहस और शौर्य के सामने कोई दुश्मन टिक नहीं पाया। दुनिया ने भारतीय जवानों के अद्वितीय पराक्रम को माना।
शुक्रवार को सेंट्रल कमांड, कैंट के सूर्या सभागार में कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित ‘रजत जयंती समारोह’ को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन वीर नारियों और परिवारों ने कारगिल युद्ध में अपने परिवार के सदस्यों को खोया है, उन्हें सम्मानित कर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। सीएम योगी ने कहा कि दुनिया में भारत की पहचान जबरन एकाधिकार करने वाले देश की नहीं है।
शस्त्रेण रक्षिते राष्ट्रे शास्त्रचिंता प्रवृत्तते
सीएम योगी ने कहा कि “शस्त्रेण रक्षिते राष्ट्रे शास्त्रचिंता प्रवृत्तते” यह भारत की परंपरा है। बल, बुद्धि और विद्या में जब भारत दुनिया में सिरमौर था, तब भी हमने किसी पर आक्रमण नहीं किया। लेकिन जब किसी आक्रांता ने हमारी शांति और सद्भावना का हनन किया, तब भारत माता के बहादुर जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। सीएम योगी ने कहा कि देश की सीमा की रक्षा करने वाले बहादुर जवानों के साथ राज्य सरकार हमेशा खड़ी है।
शहीद जवानों के परिवारों को सहायता
सीएम योगी ने कहा कि यदि कोई जवान युद्ध या सीमा की सुरक्षा करते हुए शहीद होता है, तो राज्य सरकार उसके परिवार को 50 लाख रुपए की सहायता देती है। साथ ही उस परिवार के एक सदस्य की नौकरी भी सुनिश्चित की जाती है। 2017 से हमारी सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि शहीद जवान की स्मृति को आगे बढ़ाने के लिए जिस गांव, नगर, या कस्बे का वह जवान होगा, वहां पर एक भव्य स्मारक, इंस्टिट्यूट, या किसी मार्ग का नामकरण उस जवान के नाम पर किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकसित भारत के संकल्प को आगे बढ़ा पा रहे हैं क्योंकि आज देश की सीमाएं सुरक्षित हैं।
वीरों को किया सम्मानित
इस मौके पर सीएम योगी ने परमवीर चक्र विजेता कैप्टन मनोज पांडेय के पिता, राइफलमैन सुनील जंग की माता, नायक आबिद खान की माता, नायक रामकेश चंद्र यादव की पत्नी, नायक राजेंद्र यादव की पत्नी, लांस नायक अशोक कुमार यादव के बेटे, ब्रिगेडियर अखिल कुमार सिन्हा, कर्नल प्रभात रंजन, कर्नल ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह कौशिक, कर्नल क्षितिज श्रीवास्तव, नायक जितेंद्र सिंह और सिपाही विनोद कुमार दुबे को सम्मानित किया।
अमर जवानों को श्रद्धांजलि
इससे पहले सीएम योगी सेंट्रल कमांड, कैंट में कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित ‘रजत जयंती समारोह’ में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अमर जवानों को पुष्पचक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें नमन किया। साथ ही सीएम योगी ने कारगिल युद्ध के दौरान भारत के वीर जवानों के शौर्य को प्रदर्शित करती हुई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर सीएम योगी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रदेशवासियों को बधाई दी और भारतीय सेना के पराक्रमी योद्धाओं को नमन किया। उन्होंने लिखा, “भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य शौर्य, अद्वितीय पराक्रम और अप्रतिम साहस के प्रतीक ‘कारगिल विजय दिवस’ पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं! माँ भारती के सम्मान और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले अमर जवानों को नमन! भारतीय सेना की कर्तव्यनिष्ठा और त्याग की भावना पर हमें गर्व है। जय हिंद!
कारगिल युद्ध की विपरीत परिस्थितियां
कारगिल युद्ध के समय भारतीय सेना के वीर जवानों के सामने विपरीत परिस्थितियां थीं। ऊंचे पहाड़, कठिन मौसम, और दुश्मन के हमलों का सामना करते हुए भारतीय जवानों ने अपनी वीरता का प्रदर्शन किया। टाइगर हिल, जो कि युद्ध की सबसे महत्वपूर्ण चोटी मानी जाती है, उस पर भारतीय सेना ने 4 जुलाई को कब्जा कर लिया था। लेकिन युद्ध की अंतिम विजय 26 जुलाई को हुई जब भारतीय सेना ने सभी घुसपैठियों को खदेड़ दिया। इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत की शांतिप्रिय नीति
सीएम योगी ने कहा कि भारत की नीति हमेशा से शांतिप्रिय रही है। हमने कभी भी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया। लेकिन जब किसी ने हमारी शांति को भंग करने की कोशिश की, तब हमारे जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। कारगिल युद्ध इसका जीवंत उदाहरण है। हमारे वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की सीमाओं की रक्षा की और हमारे देश की संप्रभुता को बनाए रखा।
शहीदों की स्मृति को बनाए रखना
सीएम योगी ने कहा कि शहीद जवानों की स्मृति को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। उनके बलिदान को हम कभी नहीं भूल सकते। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर शहीद जवान की स्मृति को सम्मानित किया जाएगा। उनके नाम पर स्मारक, इंस्टिट्यूट, या मार्ग का नामकरण किया जाएगा ताकि उनकी वीरता की कहानी आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचे।
इस प्रकार, कारगिल विजय दिवस का यह 25वां वर्ष हमारे वीर जवानों की अदम्य शौर्य और साहस की गाथा को याद करने और उन्हें सम्मानित करने का अवसर है। उनके बलिदान को हम सदा याद रखेंगे और उनके आदर्शों पर चलते रहेंगे। जय हिंद!