Automobile Sector Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 का आम बजट प्रस्तुत किया। इस बजट में भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं। वाहन उद्योग वर्तमान में एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है और इस बजट से उसे नई दिशा मिल सकती है। आइए जानें कि इस बजट ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए क्या खास किया है और इसके संभावित प्रभाव क्या हो सकते हैं।
1. लिथियम और अन्य सामग्रियों पर सीमा शुल्क छूट
इस बजट में लिथियम पर पूरी तरह से सीमा शुल्क से छूट देने की घोषणा की गई है। लिथियम इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बैटरी का एक महत्वपूर्ण घटक है। इसके साथ ही, तांबा, कोबाल्ट और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों पर भी सीमा शुल्क छूट का प्रस्ताव दिया गया है। इन सामग्रियों पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) को कम करने का सुझाव भी दिया गया है।
लिथियम की कीमत में कमी से बैटरी निर्माण की लागत घटेगी, जिससे ईवी की कीमतों में भी कमी आ सकती है। इलेक्ट्रिक वाहनों की उच्च लागत एक प्रमुख बाधा रही है, और लिथियम की सस्ती कीमतें इस बाधा को दूर कर सकती हैं। इससे भारतीय सरकार के 2030 तक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में 30 प्रतिशत की हिस्सेदारी के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
2. ईवी की कीमतों में कमी की संभावनाएं
लिथियम की कीमतों में कमी का सीधा असर बैटरी के निर्माण लागत पर पड़ेगा। बैटरी के महंगे होने की वजह से इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें अधिक रहती हैं। यदि बैटरी सस्ती होती है, तो इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में भी कमी आएगी। इससे आम आदमी के लिए ईवी खरीदना अधिक सस्ता और सुलभ हो जाएगा। इसके साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग से पर्यावरणीय लाभ भी होगा, क्योंकि ईवी वायु प्रदूषण में कमी करने में सहायक होते हैं।
3. नई रोजगार सृजन योजनाएं
वित्त मंत्री ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत, पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए ईपीएफओ अंशदान के संबंध में प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। यह योजना रोजगार के पहले चार वर्षों के दौरान लागू होगी और इसके तहत नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो साल तक 3,000 रुपये प्रति माह तक की प्रतिपूर्ति (रिइंबर्समेंट) की जाएगी।
इस पहल का उद्देश्य 30 लाख युवाओं को रोजगार देना है और इससे सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को कवर किया जाएगा। इससे एमएसएमई और विनिर्माण सेक्टर में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, और यह भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देगा।
4. दोपहिया वाहन उद्योग को लाभ
डेलॉइट इंडिया के पार्टनर रजत महाजन के अनुसार, रोजगार सृजन योजनाओं का सकारात्मक प्रभाव दोपहिया वाहन उद्योग पर भी पड़ेगा। अतिरिक्त कुशल कर्मचारियों के हाथ में खर्च करने लायक आय होने से दोपहिया वाहन सेगमेंट में वृद्धि हो सकती है। इससे ऑटोमोटिव उद्योग में बढ़ोतरी को प्रोत्साहन मिलेगा और नए रोजगार सृजित होंगे।
5. रोड इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं
वित्त मंत्री ने सड़क संपर्क परियोजनाओं के लिए 26,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह देश में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करेगा। विशेष रूप से, पटना-पूर्णिया, बक्सर-भागलपुर, और बोधगया-दरभंगा-वैशाली के लिए नई सड़क परियोजनाओं की घोषणा की गई है। इन परियोजनाओं से परिवहन और लॉजिस्टिक्स की सुविधा में सुधार होगा, जिससे ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी लाभ होगा।
यह भी पढे
Toyota Innova: आज बुकिंग कराएंगे तो कब तक मिलेगी डिलीवरी? जानें वेटिंग पीरियड की पूरी जानकारी
6. एमएसएमई के लिए नई योजनाएं
एमएसएमई सेक्टर को समर्थन देने के लिए, वित्त मंत्री ने मशीनरी और उपकरण खरीदने के लिए बिना किसी गारंटी और जमानत के टर्म लोन की सुविधा देने की योजना शुरू की है। यह योजना 100 करोड़ रुपये तक की गारंटी प्रदान करेगी। इससे छोटे और मध्यम उद्यमों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने और तकनीकी उन्नयन के लिए आवश्यक संसाधन प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
7. उम्मीदें और निराशाएं
केंद्रीय बजट 2024 से एक प्रमुख अपेक्षित घोषणा फेम 3 योजना थी, जो फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) योजना के तीसरे चरण को लेकर थी। हालांकि, इस बजट में फेम 3 का कोई उल्लेख नहीं किया गया। वाहन उद्योग ने फेम 3 की मांग की थी, जिससे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को और बढ़ावा मिल सके।
इसके अतिरिक्त, हाइब्रिड वाहनों के लिए टैक्स रियायतों की भी बहुत चर्चा थी। हालांकि, सरकार ने इस दिशा में भी कोई कदम नहीं उठाया। हाइब्रिड वाहनों को लेकर टैक्स बेनिफिट्स की कमी से इस सेगमेंट में संभावित वृद्धि प्रभावित हो सकती है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट ऑटोमोबाइल सेक्टर (Automobile Sector Budget 2024)के लिए कई संभावनाएं और अवसर लेकर आया है। लिथियम की कीमतों में कमी, नई रोजगार योजनाएं, और सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश से उद्योग को लाभ होने की उम्मीद है। हालांकि, फेम 3 और हाइब्रिड वाहनों के लिए टैक्स रियायतों की कमी ने कुछ निराशाओं को जन्म दिया है। कुल मिलाकर, बजट ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए सकारात्मक दिशा प्रदान की है, और आने वाले वर्षों में इसके प्रभाव को महसूस किया जा सकता है।