Ayushman Bharat Yojana: स्वस्थ भारत की दिशा में एक कदम No. 1

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Ayushman Bharat Yojana

Ayushman Bharat Yojana: भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना है, जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के तहत सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करना है और “किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना” के सिद्धांत पर आधारित है। आयुष्मान भारत का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा वितरण में एकीकृत और समग्र दृष्टिकोण अपनाना है, जिसमें प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर की सेवाओं का समावेश है।

Ayushman Bharat Yojana

आयुष्मान भारत दो प्रमुख घटकों पर आधारित है:

1. स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (एचडब्ल्यूसी)

2. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY)

फरवरी 2018 में, भारत सरकार ने मौजूदा उप-केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बदलकर 1,50,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एचडब्ल्यूसी) बनाने की घोषणा की। इन केंद्रों का उद्देश्य व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (सीपीएचसी) प्रदान करना है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं लोगों के घरों के करीब पहुँच सकें। ये केंद्र मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं और गैर-संचारी रोगों दोनों को कवर करते हैं, जिसमें निःशुल्क आवश्यक दवाएं और नैदानिक सेवाएं शामिल हैं।

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं: गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए टीकाकरण, प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर देखभाल।

गैर-संचारी रोगों की रोकथाम: उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर जैसी बीमारियों की रोकथाम और उपचार।

निःशुल्क दवाएं और नैदानिक सेवाएं: आवश्यक दवाएं और नैदानिक सेवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराना।

– स्वास्थ्य संवर्धन और रोकथाम: समुदाय में स्वास्थ्य संवर्धन और रोकथाम के उपाय करना।

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आयुष्मान भारत का दूसरा महत्वपूर्ण घटक प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) है, जिसे 23 सितंबर 2018 को लॉन्च किया गया था। PM-JAY दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन योजना है, जिसका उद्देश्य 12 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों (लगभग 55 करोड़ लाभार्थी) को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है।

स्वास्थ्य कवर: प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का कवर प्रदान करता है।

लाभार्थी: 12 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवार इस योजना के लाभार्थी हैं।

– कैशलेस सेवा: लाभार्थियों को अस्पताल में कैशलेस सेवाएं प्राप्त होती हैं।

– आर्थिक सुरक्षा: अत्यधिक चिकित्सा खर्चों के कारण होने वाली गरीबी को कम करना।

– समग्र कवर: अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्चों को कवर करता है।

– पूर्व-मौजूदा स्थितियों का कवर: पहले दिन से ही सभी पूर्व-मौजूदा स्थितियों का कवर।

PM-JAY के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को प्रति वर्ष 5,00,000 रुपये तक का कैशलेस कवर प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत निम्नलिखित खर्चों को कवर किया जाता है:

चिकित्सा परीक्षण, उपचार और परामर्श: अस्पताल में भर्ती से पहले और बाद में किए गए चिकित्सा परीक्षण और परामर्श।

– दवा और चिकित्सा उपभोग्य वस्तुएं: अस्पताल में भर्ती के दौरान और बाद में उपयोग की जाने वाली सभी दवाएं और चिकित्सा उपभोग्य वस्तुएं।

– गहन देखभाल सेवाएं: गहन देखभाल इकाइयों में प्रदान की जाने वाली सेवाएं।

नैदानिक और प्रयोगशाला जांच: अस्पताल में भर्ती के दौरान और बाद में की जाने वाली नैदानिक और प्रयोगशाला जांच।

– चिकित्सा प्रत्यारोपण सेवाएं: आवश्यक होने पर चिकित्सा प्रत्यारोपण सेवाएं।

आवास और खाद्य सेवाएं: अस्पताल में भर्ती के दौरान आवास और भोजन की सेवाएं।

उपचार के दौरान उत्पन्न जटिलताएं: उपचार के दौरान उत्पन्न होने वाली सभी जटिलताओं का इलाज।

अनुवर्ती देखभाल: अस्पताल में भर्ती होने के बाद 15 दिनों तक की अनुवर्ती देखभाल।

आयुष्मान भारत योजना ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस योजना ने बड़ी संख्या में गरीब और कमजोर परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है। हालांकि, इस योजना के कार्यान्वयन के दौरान कई चुनौतियाँ भी सामने आई हैं।

योजना के बारे में जागरूकता की कमी एक बड़ी चुनौती है। कई लाभार्थियों को योजना के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं है, जिससे वे इसका लाभ नहीं उठा पाते। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से इस समस्या का सामना करना पड़ता है, जहां जानकारी का अभाव होता है।

कुछ निजी अस्पताल इस योजना में भाग लेने से हिचकिचाते हैं, जिससे लाभार्थियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। निजी अस्पतालों को इस योजना में शामिल करने के लिए सरकार को और भी प्रयास करने की आवश्यकता है।

डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग योजना के कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी और डिजिटल साक्षरता की कमी एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए सरकार को डिजिटल अवसंरचना को मजबूत करने की आवश्यकता है।

आयुष्मान भारत योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए सरकार लगातार सुधार और नवीनीकरण की दिशा में काम कर रही है। भविष्य में इस योजना को और भी व्यापक और प्रभावी बनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

लाभार्थियों के बीच योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक अभियान चलाए जा सकते हैं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं, जिससे लोग इस योजना का पूरा लाभ उठा सकें।

निजी और सार्वजनिक अस्पतालों के नेटवर्क को और अधिक विस्तारित किया जा सकता है ताकि लाभार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्राप्त हो सकें। इसके लिए सरकार को निजी अस्पतालों को इस योजना में शामिल करने के लिए और भी प्रयास करने की आवश्यकता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा सकते हैं, जिससे लाभार्थियों को योजना का लाभ उठाने में आसानी हो। इसके लिए डिजिटल शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।

योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए नियमित निगरानी और मूल्यांकन की व्यवस्था की जा सकती है। इससे योजना के कार्यान्वयन में किसी भी प्रकार की कमियों का पता लगाया जा सकता है और उन्हें दूर करने के लिए समय रहते उचित कदम उठाए जा सकते हैं।

आयुष्मान भारत योजना ने देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ा है। इस योजना के माध्यम से गरीब और कमजोर वर्गों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो रहा है। सरकार के निरंतर प्रयासों और सुधारों से इस योजना को और भी प्रभावी और लाभकारी बनाया जा सकता है, जिससे सभी नागरिकों को समुचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें और वे एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें।

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