Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 की धड़कनें अब कुछ ही दिनों में तेज़ हो जाएंगी, और भारतीय खिलाड़ी इस महाकुंभ के लिए पूरी तरह तैयार हैं। आइए, जानते हैं कि ओलंपिक के इतिहास में भारत और पाकिस्तान के बीच का फर्क क्या है।
पेरिस ओलंपिक 2024 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, जो 26 जुलाई से 11 अगस्त तक चलेगी। इस बार भारत के 111 खिलाड़ी इस महासमर में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। खेल के मैदान पर भारत और पाकिस्तान की टक्कर हमेशा से दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है, लेकिन ओलंपिक में पाकिस्तान भारत के सामने कहीं नहीं ठहरता।
ओलंपिक में भारत का जलवा
भारत ने पहली बार 1900 के ओलंपिक में हिस्सा लिया था, जहाँ नॉर्मन प्रिचर्ड ने 200 मीटर स्प्रिंट और 200 मीटर बाधा दौड़ में सिल्वर मेडल जीतकर भारत का खाता खोला था। तब से लेकर अब तक भारत ने 35 ओलंपिक मेडल जीते हैं, जिनमें 10 गोल्ड, 9 सिल्वर और 16 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। इनमें से 8 गोल्ड भारतीय हॉकी टीम ने जीते हैं। भारत ने अब तक 25 ओलंपिक में हिस्सा लिया है, जिनमें से 9 ओलंपिक में मेडल हासिल किए हैं। हालांकि, 1920, 1924, 1976, 1984, 1988 और 1992 ओलंपिक में भारत एक भी मेडल नहीं जीत पाया था।
2020 टोक्यो ओलंपिक का ऐतिहासिक प्रदर्शन
2020 टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 7 मेडल जीते थे, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। इससे पहले लंदन ओलंपिक में भारत ने कुल 6 मेडल जीते थे। इस बार भारतीय खिलाड़ी अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए और अधिक मेडल जीतने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
पाकिस्तान का ओलंपिक में संघर्ष
दूसरी ओर, पाकिस्तान का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। पाकिस्तान ने 1948 से ओलंपिक में हिस्सा लेना शुरू किया, और उसे पहला मेडल 1956 में मिला। तब से अब तक पाकिस्तान ने सिर्फ 10 ओलंपिक मेडल जीते हैं, जिनमें 3 गोल्ड, 3 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। इनमें से 8 मेडल पाकिस्तान की हॉकी टीम ने जीते हैं। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तान ने आखिरी बार 1992 में ओलंपिक मेडल जीता था और तब से अब तक वह मेडल के लिए तरस रहा है। इस तरह, ओलंपिक में भारत की तुलना में पाकिस्तान कहीं नहीं ठहरता। इस बार पेरिस ओलंपिक में भी भारतीय एथलीटों से देश को नई उम्मीदें और शानदार प्रदर्शन की अपेक्षा है।