Britain Election: शुक्रवार को ब्रिटेन में हुए आम चुनावों के नतीजे सामने आए और 14 वर्षों के बाद लेबर पार्टी ने एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इसके बाद लेबर पार्टी के नेता किएर स्टार्मर अब ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं, और एंगेला रेनर को देश की नई उप प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है।
ब्रिटेन की 650 सीटों वाली संसद में लेबर पार्टी ने 412 सीटों पर जीत हासिल की है, जो बहुमत के लिए आवश्यक 326 सीटों से कहीं अधिक है। वहीं, चुनाव के नतीजों ने सत्ता में काबिज कंजर्वेटिव पार्टी को बड़ा झटका दिया है। यह झटका ऋषि सुनक के लिए भी है, जिनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था। कंजर्वेटिव पार्टी को केवल 121 सीटें मिली हैं, और पिछले चुनाव की तुलना में 250 सीटों का नुकसान हुआ है, जो उनके लिए एक करारी हार है।
विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने बीबीसी से कहा, “बड़ी संख्या में वे लोग जो पहले कंजर्वेटिव पार्टी को वोट देते थे, उन्होंने इस बार रिफॉर्म पार्टी के लिए वोट दिया है। अब कंजर्वेटिव पार्टी को यह सोचना होगा कि वे उनका भरोसा कैसे वापस जीत सकते हैं।”
जाने कैसे ली ऋषि सुनक ने हार की जिम्मेदारी
हार के बाद, प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर ऋषि सुनक ने आखिरी बार पत्रकारों को संबोधित किया और कहा कि मतदाताओं ने साफ संकेत दिया है कि सरकार को बदलना चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं सबसे पहले महत्वपूर्ण बात कहना चाहता हूं, मुझे माफ कर दीजिए। मैंने इस काम में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है लेकिन आपने स्पष्ट संकेत दिया है कि यूके की सरकार को बदलना होगा। आपका निर्णय ही एकमात्र ऐसा निर्णय है जो मायने रखता है। मैं इस नुकसान की जिम्मेदारी लेता हूं।”
इस बयान के बाद ऋषि सुनक ने बकिंघम पैलेस पहुंचकर किंग चार्ल्स से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंपा। लेकिन ऋषि सुनक ने केवल प्रधानमंत्री का पद छोड़ा है, ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा है कि वे आगे कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के तौर पर भी काम नहीं करेंगे। उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से माफी मांगी और कहा, “आपने कड़ी मेहनत की है, लेकिन हम जीत नहीं पाए। इस परिणाम के बाद मैं पार्टी के नेता के पद से इस्तीफा दूंगा, हालांकि यह इस्तीफा तत्काल नहीं होगा। मैं नए नेता के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक इस पद पर बना रहूंगा।”
आगे क्या करेंगे ऋषि सुनक?
लंदन में मौजूद बीबीसी संवाददाता राघवेंद्र राव ने बीबीसी संवाददाता मोहम्मद शाहिद को बताया, “पिछले 14 सालों में देश ने पांच प्रधानमंत्री देखे हैं, जिससे लोगों में रोष और थकान पैदा हो गई थी। जनता अब बदलाव चाहती थी।”
राघवेंद्र कहते हैं कि लोगों ने लेबर पार्टी को मेंडेट तो दिया है, लेकिन किएर स्टार्मर के लिए भी आगे की राह आसान नहीं होगी, क्योंकि यहां कई मुद्दे हैं जिन पर सरकार को कदम उठाने होंगे।
ऋषि सुनक के भविष्य पर राघवेंद्र कहते हैं, “यह तय है कि कंजर्वेटिव पार्टी में आने वाले समय में हम एक नए नेता का उदय देखेंगे। लेकिन सुनक क्या करेंगे, यह कहना अभी मुश्किल है।” “वे पहले भारतीय मूल के व्यक्ति थे जो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने और इसे लेकर गर्व भी जताया गया। लेकिन अब इसे एक कलंक की तरह देखा जा रहा है कि उनके नेतृत्व में कंजर्वेटिव पार्टी को इतनी बड़ी शिकस्त मिली है। कहा जा रहा है कि यह एक ऐसा आरोप है जिसे मिटा पाना खुद उनके लिए बेहद मुश्किल होगा।”
“ब्रिटेन में पूर्व भारतीय उच्चायुक्त रुचि घनश्याम का बयान”
“ब्रिटेन में भारत की उच्चायुक्त रह चुकीं रुचि घनश्याम ने बीबीसी संवाददाता मोहम्मद शाहिद को बताया कि जब ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बने थे, उस समय यूके बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा था। उन्होंने कहा, ‘शुक्रवार की दोपहर को 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर अपने आखिरी भाषण में उन्होंने बताया कि उन्होंने अर्थव्यवस्था को स्थिर किया, महंगाई कम की और विकास की रफ्तार को बढ़ाया। इस नजरिए से उनका भाषण अच्छा था क्योंकि उन्होंने आने वाले प्रधानमंत्री के बारे में भी सकारात्मक बातें कहीं।“
उनका कहना है, “वह युवा हैं, एक अच्छे व्यक्ति हैं, और उन्होंने अपने गुणों को बखूबी दिखाया है। जैसा उन्होंने कहा, जब तक पार्टी का नया नेता नहीं चुना जाता, तब तक वह कंजर्वेटिव पार्टी का नेतृत्व करेंगे। लेकिन पार्टी के सदस्य होने के साथ-साथ वे सांसद भी हैं। आगे उनका भविष्य क्या होगा, यह वक्त ही बताएगा।”
चुनाव परिणाम और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ब्रिटेन चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और 14 सालों के बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी हुई है। भारतीय मूल के ब्रिटिश अर्थशास्त्री और लेबर पार्टी के पूर्व सदस्य लॉर्ड मेघनाद देसाई ने बीबीसी संवाददाता सारिका सिंह से करी बातचीत में कहा, “ऋषि सुनक नेता नहीं हैं, इसके अलावा एक तकनीकी व्यक्ति और बैंकर हैं। लोगों के साथ उनका कनेक्ट आसानी से नहीं हो पाता था।”
“वहीं दूसरी तरफ उन्होंने काम तो किया, लेकिन वे वादे पूरे नहीं कर पाए और उन्हें काम करने का पूरा पांच साल का मौका भी नहीं मिला। आगे वे क्या करेंगे, यह वक्त ही बताएगा।”
बधाई संदेश और उम्मीदें
लेबर पार्टी की जीत के बाद अंतरराष्ट्रीय नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके किएर स्टार्मर को बधाई देते हुए कहा, उन्हें आशा है कि वे अपने देश ब्रिटेन और भारत के बीच रिश्तों को मजबूती देने में सहयोग कर सकें।
प्रधानमंत्री मोदी ने ऋषि सुनक के नेतृत्व की सराहना की और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “एक स्थिर और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय संबंध दोनों देशों के लोगों के मौलिक हितों को पूरा करता है। साथ ही वैश्विक शांति, चुनौतियों और विकास के लिए साथ मिलकर जवाब देने की जरूरत है। हम उम्मीद करते हैं कि हम ब्रिटेन के साथ आपसी सम्मान और सहयोग के आधार पर काम करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों को सही रास्ते पर ले जाएंगे।”
किएर स्टार्मर को जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ शुल्त्ज़ और नैटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने भी दी बधाई और उन्होने उम्मीद भी जताई है कि उनके नेतृत्व वाली सरकार के साथ मिलकर काम करना जारी रहने वाला है।