Secrets to Wake Up Early: रोज़ सुबह 5 बजे उठने के तरीके

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Secrets to Wake Up Early

Secrets to Wake Up Early: यह तो सबको पता है कि सुबह जल्दी उठना हमारे स्वास्थ्य के लिए जरूरी भी है और बहुत अच्छी बात भी। जिसके लिए आपने कईं बार ट्राय किया होगा और ढेर सारे अलार्म्स लगाए होंगे, लेकिन आज नही कल उठेंगें बोल कर अलार्म बंद किया और फिर सो गए, हुआ है न आपके साथ भी बिलकुल ऐसा ही। तो चिंता मत करिए चलते है कुछ ऐसे सीक्रेट्स जानने की ओर कि जिनसे आप सुबह जल्दी उठ सकें:-

Secrets to Wake Up Early
Secrets to Wake Up Early

हम सबका एक ही ख्याल कि इस सुबह जल्दी उठ कर हमे ये करना है, हमे वो करना है और नही तो  क्या करना है, यही चलता है।  हमने यह डिसाइड तो कर लिया कि आज तो सुबह 5 बजे उठ जाऊंगा, आज तो 4 बजे उठ जाऊँगी। मगर होता क्या है जैसे ही सुबह अलार्म बजता है तो सारे Motivation हो जाते हैं गायब और एक अच्छी सी नींद आकर बोलती है सो जा मामू कल उठेंगें और उस समय उस नींद से प्यारा और कुछ नहीं लगता। अगर आपके साथ भी ऐसा ही कुछ होता है तो हमारे साथ बने रहिए।

पहले मुझे भी सुबह जल्दी उठने में बहुत दिक्कत होती थी, मेरा भी अलार्म चिल्ला-चिल्ला कर मुझे उठा रहा होता था, और मैं उठ ही नहीं पाती थी और देर तक सोती रहती थी, लेकिन फिर मैंने अपनी लाइफ में सिर्फ कुछ बदलाव किए और जिसके बाद अब मेरे लिए रोज सुबह जल्दी उठना काफी आसान हो गया है। इस लेख में आप आगे जानेगें वे तरीके, जिनको अपनाकर आपको चाहे 4 बजे उठना हो या 5 बजे आप आसानी से उठ सकेंगें। 

सुबह जल्दी उठने के फायदेBenefits of waking up early in the morning in Hindi

पहले यह समझते हैं कि सुबह जल्दी उठने से आखिर होता क्या है? आपका भी यही कुछ सवाल होगा।  मान लीजिए कि आप एक दुकान चलाते हैं, जिसमें आप एक सांभर इटली बेचते हैं, और आपके सबसे ज्यादा और सबसे अच्छे ग्राहक सुबह चार बजे आते हैं। तो आप क्या करोगे। आप बोलोगे कि नही में इतनी सुबह नही उठ सकता, मुझे अपनी नींद बहुत ही प्यारी है, ये तो नहीं बोलोगे। आप करोगे क्या पता है, आप सुबह 4 बजे ही अपनी दुकान खोलकर बैठे जाओगे। ऐसे ही सुबह-सुबह ही आपके सबसे पावरफुल सबसे ग्रेट सबसे क्रिएटिव थॉटस आते है। उस समय अगर आपने अपनी ये वाली दुकान बंद करली और अगर आप सो रहे हैं, तो आपके वो सब थॉटस वेस्ट हो जाएंगे। 

ब्रह्म मुहूर्त का बेस्ट टाइम

सुबह सूर्य उदय से टेढ़ घंटे पहले ब्रह्म मुहूर्त का टाइम होता है। इस समय आपका फोकस, कंसंट्रेशन, मेंटल क्लेरिटी और पिस ऑफ माइंड सबसे उच्चतम होता है, और यही नहीं इस समय सात्विक गुण भी पिक पर होता है।

वहीं दोपहर तक आते-आते राजसिक गुण बढ़ जाता है, और शाम ढलने तक तामसिक गुण बढ़ जाता है। तो इस ब्रह्ममुहूर्त के टाइम को सोकर न वेस्ट करें। अगर आप कोई नई स्किल सीखना चाहते, नई नॉलेज लेना चाहते, या फिर अपनी बॉडी को स्ट्रॉंग बनाना चाहते हैं, या फिर स्पिरिचुअल प्रैक्टिस करना चाहते हैं, तो इनको आप अर्लि मॉर्निंग करने से बेहतर और कोई समय नहीं पा सकते है। तो चलिये जानते हैं कि सुबह जल्दी कैसे उठे। 

सुबह जल्दी कैसे उठे

आपके हिसाब से आपको क्या लगता है अगर आपको सुबह पांच बजे उठना है तो आपका अलार्म कितने बजे का सेट करना सही होगा, 4:30, 4:45 या 5 बजे  का। इस सवाल का जवाब है इनमें से कोई नहीं। आपको अलार्म सिर्फ सुबह 5:00 बजे का ही नही रात 9:00 बजे का भी लगाना होगा। अगर सुबह 5 बजे उठना है तो रात को 9 बजे ही बिस्तर में घुस जाइये। अब आपके दिमाग में चल रहा होगा रात को 9 बजे का अलार्म, तो जी हाँ रात के 9 बजे का। अब आपको सुबह जल्दी उठने की टेंशन नही करनी है, बल्कि रात को समय से सोने की तैयारी करनी है। अगर आपको सुबह जल्दी 5 बजे उठने की आदत डालनी है तो रात को भी समय से बिस्तर में घुसना होगा ना। अब आपका सवाल होगा कि रात 9 बजे, लेकिन मुझे तो रात को इतनी जल्दी नींद ही नहीं आती है। अफकोर्स हमको रात को 9 बजे नींद आएगी भी कैसे, हम देर रात को इन सब गैजेस्ट में जो लगे रहते हैं, यह सभी High Stimulation Activities हमारे ब्रेन और हमारे सेंसेस को जो उकसाती हैं। ओवर स्टिमुलटे करती हैं। इनमें हाइ उत्तेजना होती हैं जो हमें नींद आने ही नहीं देती है। जैसे लैपटॉप पर काम करना, इंस्टाग्राम या सोशल मीडिया पर स्क्रोल करना, टीवी शो देखना, या लाउड म्यूजिक सुनना या फिर रात को लेट वर्क आउट करना, इन स्क्रीन में से एक ब्लू लाइट निकलती है जो आपके ब्रेन में मेलाटोनिन नाम के एक केमिकल को सीक्रेट नहीं होने देती।

जाने क्या है  मेलाटोनिन

मेलाटोनिन एक स्लीप प्रमोटिंग नाम का हार्मोन होता है। नेचुरली जैसे-जैसे आपके आस-पास अंधेरा होता है वैसे-वैसे हमारा ब्रेन मेलाटोनिन पैदा करने लगता है। आपको सुलाने के लिए इससे आपके शरीर को  एक सिग्नल मिलता है, कि अब रात हो गई है अब सो जाओ। लेकिन जब देर रात तक आप इन स्क्रीन को देख रहे होते  हैं, तो आप ही बताइये क्या होगा। ब्रेन मेलाटोनिन  प्रोड्यूस नहीं करेगा, और बॉडी को नींद आने का सिग्नल नहीं मिलेगा, तो आप अपने टाइम पर नहीं सोएंगे, और सुबह अलार्म को स्मूत करते-करते घंटे बीत जाएंगे। तो क्या  किया जाए सुबह जल्दी उठने के लिए। आप अपने फोन में अभी के अभी एक अलार्म लगाइए। आप अलार्म ऐप खोलिए और रात 9:00 बजे का अलार्म लगाइए और इसको रिपिट एवरी डे के लिए सेट कर दीजिये। इस अलार्म का आप नाम भी रख सकते हैं। तो रखिए “गेट इंटू बेड एंड विंड डाउन” (Get into bed and wind down)

अगर आप यह लेख पढ़ रहें हैं, तो इस लेख को  पढ़ना रोकिए और अभी के अभी अपने फोन में रात 9:00 बजे का अलार्म रोज रात के लिए सेट करें। अब रोज रात 9 बजे जब भी ये अलार्म बजेगा तब आप जो भी काम कर रहें हैं हो, उसको बंद कर दें, और अपने बिस्तर में घुस जाइये और सुबह के लिए अच्छे-अच्छे सपने देखिये। मगर हाँ इस बीच बिस्तर में कोई  हाइ Stimulation Activities नही करनी है, इसके जगह आप Stimulation Activities में किताबें पढ़ाना, शांत व कम म्यूजिक के गाने सुनना, जनरल राइटिंग करना इत्यादि शामिल कर सकते हैं। तो ध्यान रहे कि सुबह जल्दी उठने की शुरुआत पिछली शाम से ही हो जानी चाहिए।

क्रिएटिव स्ट्रांग मॉर्निंग रूटीन

चलिए चलते हैं अपने दूसरे कदम की ओर, जल्दी उठने की तरफ, जो है क्रिएटिव स्ट्रांग मॉर्निंग रूटीन। उसे पहले आपसे एक सवाल पूछना चाहती हूँ, जिस दिन आपको कोई बड़ा काम करना होता है, जैसे कोई फ्लाइट पकडनी होती है, या फिर एक्जाम देने जानना हो, उस दिन आप सुबह जल्दी मतलब 4-5 बजे आराम से उठ जाते हो न।  क्यों? क्योंकि जब आप रात को मन में प्लान बनाकर सोते हो तब वो आपके अवचेतन मन यानि Subconscious Mind में रजिस्टर हो कर सुबह अलार्म से पहले ही आपको जगा देता है, और उसे सुबह अपने आप आपकी आँख खुल जाती है। वहीं अगर आपके पास सुबह उठने की कोई खास वजह नहीं तो अब जितनी कोशिश कर लो आप नहीं उठा पाओगे। इसलिए सोने से पहले ही सुबह उठने का एक प्लान बनाकर सोएँ।

इंस्पायरिंग मॉर्निंग रूटीन

अब इसी के साथ सुबह जल्दी उठने का अगला तरीका है इंस्पायरिंग मॉर्निंग रूटीन बनाना। उस रूटीन को इतना स्पेयरिंग इतना जरूरी बनाओ कि वही आपकी सुबह जल्दी उठने की वजह के साथ आददत बन जाए।

एक होलिस्टिक मॉर्निंग रूटीन में  तीन M होते हैं:-

पहला M मेडिटटे (Meditates): सुबह का आधा घंटा मेडिटटेस या फिर किसी स्पिरिचुअल एक्टिविटीज में को दें। इससमय आप मेडिटटेस के दौरान आप अपनी लाइफ पर रिफ्लैक्ट कर सकते हैं। जरूरी नही की सभी की Meditates Activities एक सी हो। किसी की आददत Personal Dairy में लिख कर मेडिटटेस करने की होती है, तो कोई जप करके मन को शांत करता है, तो वहीं कोई स्पिरिचुअल के बारे में पढ़ करता है और कोई पूजा करके मेडिटटेस करता है। इस समय आपकी जो भी  स्पिरिचुअल प्रैक्टिस है, जो भी आपको आती है,  उसे जरूर करें उसे आपको अच्छा महसूस होगा।  ब्रह्म मुहर्त के समय आपका मन एकदम शांत होता जिससे  आपको आसानी होगी मेडिटटे करने में।

मॉर्निंग रूटीन का दूसरा M है मूवमेंट यानी एक्सरसाइज (Movement): इस समय  चाहे आप रनिंग करे, चाहे घूमे, योगा आसान करे या फिर डांसिंग करे या फिर कोई भी आपका पसंद का स्पोर्ट खेले। इससे आपकी बॉडी एक्टिव रहेगी।

तीसरा M है  मास्टेरी (Mastery): इस समय आप अपने दिमाग को शार्प यानि खुला बनाने पर काम कर सकते है। आपकी पढ़ने में रुचि हो तो इस समय आप किताबें पढ़ना चुन सकते हैं। वो आपको पसंद होगी कि वो किताब हैल्थ से जुड़ी हैं या आपको बेहतर बनाने में मदद कर रही हैं, या फिर आप अपनी कोई Skill को बेहतर बना सकते हैं। ये पसंद आपकी अपनी है। निष्कर्ष: सुबह जल्दी उठने से आप फ्रेश रहेंगे और खुश भी रहेंगें। सुबह एक अलग ही वाइब मिलेगी खुले आसमान में ताजी हवा में। तो खुश रहिए स्वस्थ रहिए और सुबह जल्दी उठते रहिए।

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