Breaking News: Budget 2024 Update महंगाई से राहत दिलाएगा बजट? |

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Budget 2024 Update

Budget 2024 Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन पहुंच चुके हैं और आज बजट की तैयारी है पूरी और निर्मला सीतारमन भी अपनी टैबलेट लेकर पहुंच चुकी है संसद भवन। पहुंचने के बाद चूंकि 10:30 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है।

Budget 2024 Update

प्रधानमंत्री मोदी के पहुंचने के थोड़ी देर बाद कैबिनेट की बैठक होगी और इसी कैबिनेट की बैठक में फाइनल मंजूरी दी जाती है। जो बजट है उसको फाइनल मंजूरी दी जाएगी। जिसके बाद से 11 बजे निर्मला सीतारमन जो वित्त मंत्री हैं। वो बजट पेश करेंगे तो प्रधानमंत्री काफिला संसद भवन में प्रवेश कर गया है। यहां जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी 10:30 बजे कैबिनेट की बैठक लेंगे। जिसमें निर्मला सीतारमन मौजूद रहेंगी। थोड़ा ब्रीफिंग भी देंगी क्योंकि राष्ट्रपति से मिलकर आई हैं।

Budget 2024 Update: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन

उनको दही चीनी खिलाया गया और यहां उसके बाद कैबिनेट में मंजूरी दी जाएगी। अपने जो बजट है उसको और लोग उम्मीद कर रहे हैं तमाम तरह की उम्मीद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी से भी और निर्मला सीतारमन से भी कि इसमें इस बजट में कुछ राहत जरूर मिले, क्योंकि बहुत आहत है लोग।

देखिए प्रधानमंत्री पहुंच गए और बजट पेश हो जाएगा। कुछ सवालों के जवाब मिलेंगें जैसे कि बैंक्स के पास लिक्विडिटी की कमी हो रही है? जो मार्केट कैपिटल है वो लगातार बढ़ रहा है? जो सेफ इन्वेस्टमेंट है लोग उससे बच रहे हैं? रिस्क ले रहे हैं लेकिन पैसा बाजार में लगा रहे हैं इसको लेकर सरकार की कितनी बड़ी चिंता और आज बजट में क्या उसकी झलक देखने को मिलेगी।

Budget 2024 Update: एक नजर बजट की ओर

सरकार ने जो जिस हिसाब से एफ एंड में अभी मिस्टर बांज ने बोला था थोड़ा उसर जो है चिंता का मतलब झलक रही है और हो सकता है सरकार इसमें कुछ इसका या तो टैक्स रेट कुछ ऐड कर दे और जो लॉन्ग टर्म शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन है। इसका जो मैं समझता हूं कि सरकार को शॉर्ट टर्म में भी कुछ ना कुछ चेंज ला सकती है। जरूरी नहीं है लेकिन आप देख रहे हैं कि हमारा शेयर बाजार अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांतों के आधार पर मूल्य निर्धारण का आदी है और फिर आगे कोई भी वृद्धि चिंता के साथ देखी जाएगी।

तो मेरा जहां तक ख्याल है कि सरकार को कुछ ना कुछ डिस इंसेंटिवाइज करेगी। 14 से पहले प्रधानमंत्री और सरकार का मेनिफेस्टो था। स्वामीनाथन रिपोर्ट नहीं था c2 प् 50 के हिसाब से जब कीमतें दी जाएंगी एमएसपी तय की जाएगी और उसके बाद 14 के बाद 15 में एफिडेविट देके यह कहा गया कि जी सी2 प् 50 दिया ही नहीं जा सकता तो क्या उम्मीद करेंगे और किस तरह की उम्मीद करेंगे।

Budget 2024 Update: जरूरी बजट

अगर इस देश को सबसे ज्यादा किसी की जरूरत है बजट में, तो व है शिक्षा बजट। क्योंकि जिस तरीके से पर्चे लीक हो रहे हैं। जिस तरीके की जरूरत है एक युवा पीढ़ी को। हम कैसे एक काबिल युवा पीढ़ी को ऊपर पहुंचा सके। ताकि हमारा देश जो हम विकसित भारत का सपना देखते हैं वहां तक पहुंच सके।

आपको लग रहा है कि आज इसपर सरकार का ध्यान होना चाहिए और होगा बिल्कुल होगा। क्योंकि शिक्षा के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट एक बहुत साथ ही जुड़ा हुआ मुद्दा है और खासकर जैसे मैंने पहले भी कहा जब से टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन का यूज हुआ है। तो एक अप स्किलिंग की जरूरत है और अब तो भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स बनने लगे। बहुत सारी मल्टीनेशनल कंपनियां भारत में यह सेंटर बना रही हैं। हमारे युवा को स्किल करना अहम मुद्दा है और इस पर मुझे लगता है। इस बजट में जरूर डेफिनेटली बात हो। लोगों की डिमांड भी बहुत बड़ी है कि साहब आप हमें कोई ऐसी पॉलिसी के तहत आप हमें एनरोल कर लीजिए। सभी के लिए नॉट फॉर बीपीएल सबके लिए हो।

Budget 2024 Update: आयशमान योजना को क्या विस्तार दिया जा सकता है

सभी के लिए कि भले आप उसके लिए कुछ मिनिमम टैक्स आप सैलरीड कार्ड से काट लीजिए। आदर्शवादी तो यही है कि सिर्फ बीपीएल और यह कह के हेल्थ के साथ खिलवाड़ नहीं हो सकता है। तो कवरेज यूनिवर्सल हेल्थ फॉर ऑल शिक्षा स्वास्थ सबके लिए एक समान अब इसमें आयुष्मान भारत में सुनने में आ रहा है। इस पर ब 70 से ज्यादा उम्र वालों को भी शामिल करने की बात है और शायद 10 लाख भी करने वाले हैं।

ऐसा सुनने में आ रहा है लेकिन समस्या कहां है अगर किसी भी फॉर्मूले से आप हेल्थ बजट कैलकुलेट करें। तो जीडीपी का 5 पर भारत को हेल्थ बजट पर डालना चाहिए। किसी भी फॉर्मूले से ले आज हम 2 पर हैं। तो एक दिन में तो नहीं पहुंचेंगे कम से कम 2.5 पर करें।

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Budget 2024 Update: इंश्योरेंस कंपनी की मनमानी

एक चीज गौर करने वाली बात यह है कि कोविड के बाद आप देखिएगा कि यह जो स्वास्थ्य बीमा कंपनियों का जो कारोबार है। उसमें कितना बूम आया है, 100% बढ़ोतरी हुई है। उसमें इंश्योरेंस में इंश्योरेंस का प्रीमियम लेकिन हाई है। अब कैसे आप इसको एक्सेप्टेबल करेंगे। लोगों के लिए पहले प्रिवेंशन पे सबसे बड़ा काम करना है। जो ब्लैक होल बना हुआ है जितने भी फैसिलिटी बढ़ा दें पैसा डाल दें। ये आपको ऐसी बीमारियों पे खर्च हो रहा है। कम्युनिकेबल नॉन संक्रामक बीमारियां बढ़ रही है नॉन कम्युनिकेबल कैंसर हार्ट डिजीज भी बढ़ रहे हैं। इसको कंट्रोल करने के लिए एयर पोलूशन कंट्रोल फूड एडल्टरेशन इस पर काम करना पड़ेगा।

अस्पतालों ने भी अति की हुई है आप एक बीमारी के लिए जाइए चार बीमारी का इलाज करते हैं। अंदा धुंद बिल बना देते हैं क्योंकि साहब आपका तो हेल्थ इंश्योरेंस है। कहीं ना कहीं सरकार को इस पर लगाम लगाने की जरूरत है। वो इस बजट में तो नहीं मुमकिन है लेकिन सरकार का ध्यान मैं इस ओ जरूर खींचना चाहती हूं।

Budget 2024 Update: एक नजर आंकड़ों की ओर

अर्थव्यवस्था के आंकड़े हैं ये पिछले 10 सालों में कितना बदलाव हुआ है। आइए यह भी बता देते हैं दुनिया में 10वां स्थान 2014 में 2 ट्रिलियन डॉलर की हमारी अर्थव्यवस्था थी आगे बढ़ते हुए। अगर हम बात करें 2024 की तो दुनिया में पांचवां स्थान 3.75 का और अब लक्ष्य है 5 ट्रिलियन डॉलर की हमारी अर्थव्यवस्था पहुंचे। ये लक्ष्य अब रखा गया। तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी पूरी दुनिया में भारत बने।

इस वक्त आंकड़े क्या हैं लेकिन मुझे लगता है कि आंकड़ों से ज्यादा लोगों को दिलचस्पी इस बात पर है कि वह सरलता से कैसे समझे कि इस बजट में उनके लिए क्या कुछ होने वाला है। टमाटर पर प्याज पर बड़ी बात होती है लेकिन लोगों को ध्यान देना चाहिए कि आज से 10 साल 15 साल पहले भी टमाटर 100 रुपये पहुंच जाता था।

सबसे बड़ी समस्या है कि हम सब्जियों के लिए आज तक कोई ऐसी व्यवस्था डेवलप नहीं कर पाए। कोल्ड स्टोरेज की बात होती है एआई की बात होती है, नालू का कोल्ड स्टोरेज में ढंग से रख रखाय समस्या तो तब भी थी और ये समस्या तब से जब बजट पेश किया जा रहा है। इसका एक सिंपल मूल मंत्र है वो यह है कि भारत में सप्लाई साइड इंटरवेंशन नहीं होती है। आप इन्फ्लेशन को कर्ब करने के लिए मॉनिटरी इंस्ट्रूमेंट यूज़ करते हैं। मतलब जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रेपो रेट के साथ छेड़छाड़ करती रहती है। उससे आप वो लिक्विडिटी सक कर लेते हैं। ताकि वह इंफ्लेशन थोड़ा डैंप हो मगर अगर आप अनसीजनल रेन देखें उसकी वजह से तहज नेस हो जाता है।

हर साल और जितने वेजिटेबल्स हैं वो वेजिटेबल्स के प्राइसेस जो है व आसमान पर हैं। पहले भी यही होता था आज भी अभी भी होता है। क्योंकि आपने सप्लाई साइड पे कोई तवज्जो दी ही नहीं है। भाई अगर डीजल की कीमत बढ़ गई तो उसका ट्रांसपोर्टेशन का भार पड़ेगा सियों पर और वो महंगा होगा। आप किसी भी दुकानदार से कहिए रेड़ी पटरी वाले से कहते हैं साहब पीछे से महंगाई है वो पीछे आज तक देख ही नहीं पाया कि कहां से आ रही है। आप होलसेल और रिटेल होलसेल और रिटेल का भी अगर आप देखेंगे। अगर आप आजादपुर मंडी में जाएंगे वहां के दाम फिर भी कम होंगे।

6.2 लाख करोड़ इस समय डिफेंस बजट है। पाकिस्तान और चाइना आप देख ही रहे हैं किस तरीके से चाइना जो है वो अपने विस्तार वादी नीति पर आगे बढ़ रहा है। क्या लग रहा है डिफेंस सेक्टर में सरकार को और क्या कुछ करना चाहिए। क्या ये बजट बढ़ाना चाहिए जस्ट डबल कर देना चाहिए?

6.22 लाख करोड़ हमारा डिफेंस बजट है, जो कि तकरीबन यदि आप देखेंगे तो ओवरऑल वो आपका बनता है 1.7 यू नो हम जीडीपी की जब बात करते हैं। लोग इसको समझते हैं कि जीडीपी का 2 पर तक होना चाहिए यू नो डिफेंस एक्सपेंडिचर और बात किया जा रहा है। पूरे विश्व के अंदर में 2.5 के लिए इंडिया की कैपेबिलिटी है। देखिए आप हमने डिफेंस कोल रखा है कि वो खून चूसता है पैसे को चूसता है। मगर एक्चुअल जो कांसेप्ट है कि डिफेंस और व बताता नहीं अमेरिका नहीं बताएगा कभी भी, कभी भी रशिया यह नहीं बताएगा।

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